Description
भारतीय विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों को दृष्टि में रखकर लिखी गई इस पुस्तक की समस्त सामाग्री को प्रमाणित और वैज्ञानिक स्तर पर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक की समस्त सामाग्री का विश्लेषण सरल रूप में किया गया है। इस पुस्तक में शोध की नवीन पद्वतियों का सरल ढंग से प्रस्तुत किया गया है। शोध की अवधारणा, समस्या का चयन, शोध के प्रक्रिया तन्त्र, प्रतिचयन, शोध की विधियाॅ, संमको का उपादान, शोध प्रतिवेदन लेखन, संाख्यकीय विश्लेषण, संाख्यकीय विधियाॅ, कम्प्यूटर का सामान्य जानकारी आदि को विस्तृत एंव सरल रूप में प्र्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के अंत में अभ्यास के महत्वपूर्ण प्रश्नों एवं परीक्षा उपयोगी बहुविकल्प प्रश्न का संग्रह किया गया है। जो छात्रो के लिए लाभदायक होने के साथ उनको परीक्षा की तैयारी करने में लाभकारी होगा। यह पुस्तक वर्तमान एवं भावी ष्षोधार्थियों के साथ ही आचार्यों एवं निदेषकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।
डाॅ. एस. के. श्रीवास्तव
1. डाॅ. एस.के. श्रीवास्तव (जन्म 1965 ई.) ने आई.आई.टी. बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से पदार्थ विज्ञान में एम.टेक. तथा भौतिकी में स्नातकोत्तर एवं पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। शासकीय राजीव गांधी स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय अम्बिकापुर में 23 वर्षों तक प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष भौतिकी के पद पर कार्य किया है। आपके निर्देशन में 12 से अधिक छात्रों ने पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त किया है तथा कई छात्र शोध कार्य में संलग्न हैं। आपने विविध राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में 140 से अधिक शोध पत्रों का प्रकाशन किया है तथा 35 से अधिक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में शोध पत्र वाचन, आमंत्रित व्याख्यान तथा अध्यक्षता की है। आपने 6 बार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् रायपुर द्वारा प्रायोजित शोध संगोष्ठियों का आयोजन किया है। आपको इंस्टीट्यूशन आॅफ इंजीनियर्स कोलकाता, रक्षा प्रयोगशाला से अच्छे शोध पत्र लेखन में जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल पुरस्कार, सर थामस रो पुरस्कार, बेस्ट पेपर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। आपने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् रायपुर द्वारा अनुदानित 5 शोध परियोजनाओं का सफल संचालन किया है। आपने विभिन्न समाचार-पत्रों में विज्ञान पर आधारित लेखों का प्रकाशन किया है। आपने आदिवासी अंचल में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने में विज्ञान जागतिमंच नामक संस्था का गठन किया है जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। आपको आदिवासी अंचल में विज्ञान एवं पर्यावरण को लोकप्रिय बनाने में उत्कृष्ट कार्य के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया है। आदिवासी अंचल में शोध को बढ़ावा देने के लिए आपने क्षेत्रीय मौलिक शोध संस्थान का गठन किया है जो शोध के क्षेत्र उसमें अच्छा कार्य कर रहा है। आप सरगुजा विश्वविद्यालय अम्बिकापुरमें अध्यक्ष अध्ययन मण्डल, सदस्य अकादमी परिषद्, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय, संयोजक परीक्षा एवं गोपनीय विभाग, संयोजक परीक्षा उड़नदस्ता प्रभारी तथा विभिन्न समितियों में अपनी सेवायें सफल रूप से प्रदान की है। प्राध्यापकों के कल्याण एवं सेवाओं के लिए आप 2014 से सरगुजा विश्वविद्यालय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष हैं। आप अन्तर्राष्ट्रीय भौतिकी अकादमी परिषद् के आजीवन सदस्य तथा भारतीय विज्ञान कांगे्रस के सदस्य हैं। समाज सेवा के क्षेत्र में आपने 13 वर्षों तक राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी के रूप में नियमित कार्य किया है तथा राज्य स्तर पर बेस्ट कार्यक्रम अधिकारी के रूप में आपको सम्मानित किया गया।
डाॅ ण्रोहित कुमार बरगाह
डाॅ.रोहित कुमार बरगाह, शासकीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय सीतापुर, सरगुजा छत्तीसगढ़ के रसायनशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष है। पी.एच.डी. ंएवं स्नातकोत्तर की उपाधि गुरू घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से शिक्षा प्राप्त की। संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय अम्बिकापुर, सरगुजा छत्तीसगढ़ में अध्यक्ष, (चेयरमेन) बोर्ड आॅफ स्टडी (अध्ययन शाला रसायनशास्त्र) के पद पर कार्य कर चुके है। गत् 5 वर्षों के दीर्घ शिक्षण काल में अन्तर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर पर शोध के क्षेत्रों में मलेशिया, इन्डोनेशिया एवं फिलिपिन्स में शोधपत्रों की प्रस्तुतीकरण कर अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त कर चुके है। अब तक अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के 15 शोध पत्रों का प्रकाशन किया जा चुका है। वर्तमान में संतगहिरा गुरू विश्वविद्यालय सरगुजा के अन्तर्गत शोध पर्यक्षक के रूप में तीन शोधार्थीयों का शोध कार्य चल रहा है। भारत सरकार, खेल एवं युवा मंत्रालय, नई दिल्ली अन्तर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना में पर्यावरण संरक्षण, आदिवासी क्षेत्रों में सामाजिक एवं निःस्वार्थ भाव से जन जागरूकता के लिए सत्र 2016-17 में उत्कृष्ट कार्यक्रम अधिकारी का इंदिरागाॅंधी एन.एस.एस.राष्ट्रीय पुरस्कार शील्ड एवं प्रशस्ती पत्र राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय अध्ययन बोर्ड पर स्नातक एवं स्नातकोत्तर, पी.एच.डी. की पाठ्यक्रम का निर्माण इत्यादि पर इन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किया है।
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